शास्त्रों के अनुसार जिनके परिजनों की अकाल मृत्यु हुई है उन्हें चतुर्दशी काे और जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद न हो उन्हें अमावस्या के दिन श्राद्ध करने पर पितर प्रसन्न होते हैं। चतुर्दशी का श्राद्ध 11 अक्टूबर को किया जाएगा। इसमें आग, पानी, सांप के डसने व किसी भी दुर्घटना से हुए अकाल मृत्यु के अलावा नि:संतान व कुंवारा शरीर त्यागने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाएगा।
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